Friday, November 12, 2010

कौन हूँ मैं...कहाँ हूँ |

कौन हूँ मैं...कहाँ हूँ |
साँसों से सिला इक जिस्म हूँ , या रूह में फंसी इक जाँ हूँ |
जीवन से भरा इक पौधा हूँ, या मौत के दर्मियाँ हूँ |
मुर्दों के बीच रेंगता क्यूँ सीना तान के खड़ा हूँ|
कौन हूँ मैं...कहाँ हूँ |
इक कोशिश हूँ मैं,या ख्याल हूँ,या सवाल बन गया हूँ|
अम्बर हूँ,धरा हूँ,या धूप में पला हूँ|
ज़िन्दगी की प्यास हूँ जो नैनों से बह चला हूँ|
कौन हूँ मैं...कहाँ हूँ |
प्यार हूँ,दुलार हूँ,बर्बादी की ओर सवार हूँ|
गीत हूँ इक प्यार का या ज़ख्म इक हरा हूँ|
ढूंढता यूँ खुद को खुदही में सिमट गया हूँ|
कौन हूँ मैं ... कहाँ हूँ |

1 comment:

  1. kyun itna vyakul hai tu ,
    kyun itna pareshaan,
    mere paas hai teri duvidha ka samadhaan ...
    BTA hai tu ...bas meri tarah! :D

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